The best Side of shiv chalisa lyricsl
The best Side of shiv chalisa lyricsl
Blog Article
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शिव भजन
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे shiv chalisa in hindi थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
नमो नमो जय shiv chalisa in hindi नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥